नमाज़ के औक़ात वाक्य
उच्चारण: [ nemaaj kaukat ]
उदाहरण वाक्य
- (((-वाज़ेह रहे के यह ख़त रूसा ‘ ाहर के नाम लिखा गया है और उनके लिये नमाज़े जमाअत के औक़ात मुअय्यन किये गये हैं, इसका असल नमाज़ से कोई ताल्लुक़ नहीं है, अस्ल नमाज़ के औक़ात सूरए इसरा में बयान कर दिये गये हैं यानी ज़वाले आफ़ताब, तारीकीए ‘ ाब और फ़ज्र और उन्हीं तीन औक़ात में पांच नमाज़ों को अदा हो जाना है।
- “... इसके अलावा अन्य कथन और कर्म संबंधी हदीसें जो पाँचों नमाज़ों के औक़ात के निर्धारण में अवतरित हुई हैं, और उन हदीसों में दिन के लंबे और छोटे होने और रात के लंबी और छोटी होने के बीच अंतर नहीं किया गया है, जबकि नमाज़ के औक़ात उन निशानियों के द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं जिन्हें अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने स्पष्ट किया है।
- तो नमाज़ के औक़ात का अनुमान लगाया जायेगा ; क्योंकि मुस्लिम ने नवास बिन समआन रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस से रिवायत किया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने दज्जाल का चर्चा किया जो कि आखिरी ज़माने में होगा, तो लोगों ने आप से उसके धरती पर ठहरने के बारे में पूछा तो आप ने फरमाया: ‘‘ चालीस दिन, एक दिन एक साल के समान, और एक दिन एक महीने के समान, और एक दिन जुमा के समान, और बाक़ी दिन तुम्हारे दिनों के समान होंगे।
- “ किंतु यदि नमाज़ के औक़ात के संकेत ज़ाहिर होते हैं, लेकिन शफक़ का गायब होना जिसके द्वारा इशा की नमाज़ का समय दाखिल होता है बहुत अधिक विलंब हो जाता है: तो ‘‘ समिति ” का विचार है इशा की नमाज़ को शरीअत में निधार्रित उसके समय पर अदा करना ज़रूरी है, किंतु जिस आदमी के लिए प्रतीक्षा करना और उसे उसके समय पर अदा करना कठिन है-जैसे छात्र, कर्मचारी और श्रमिक लोग अपने काम के दिनों में-तो उसके लिए इशा की नमाज़ को इकट्ठा करके पढ़ना जायज़ है ;